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Sunday, August 5, 2012

फूल तितली आ तुलबुल (लेखक -श्री सियाराम झा 'सरस')- समीक्षक –- डॉ. धनाकर ठाकुर


३.६.२०१२क श्री सियाराम झा 'सरस'क पोथी ‘फूल तितली आ तुलबुल’क लोकार्पण रांचीमे भेलन्हि जाहिमे श्रीरमणजी, पटना मुख्य अतिथि छलाह।

पोथी बै नी आ ह पि ना ला -१ यानी सतरंगी इन्द्रधनुषक रंगक जकां आबयबला सात कड़ीमे ई प्रथम अछि तकर विशेष संकेत पृष्ठ ४८मे (बाबा दिनकरमे पनिबोडा गीतके भीतर सातो रंग फरिछा देबाक छल).

पोथीक अनेक पन्ना रंगीन अछि , बालोपयोगी अछि आ संस्कारवर्धक (पृ. २०मे अंटी-बँटी नहि कहू), आ ज्ञानवर्धक प्रायः सब पन्ना अछि जेना दिनक नाम(पृ. ३८), गाडीक प्रकार(पृ. ३९-४०), बापूक चरखा, सचिन, धोनी, विद्यापति, मंडेला, आवश्यकता आ आविष्कारमे मेट्रो रेलसँ मिसाइल कंप्यूटर तक, टाकाक लाथे (पृ.४२-४३मे) रूपाक नव निशान, खेल-खेलमे(पृ.४४-४५) कुश्तीस ओलम्पिक तक.

विज्ञान लेखकक प्रिय विषय अछि (पृ.१८-१९,बिजली रानीमे पवन बिजली तकके चर्चा अछि संगही मिथिला-मैथिलीस प्रेमवर्धक (नेनाक मायस पृ. ६-७ मे नीक बात कहल गेल अछि जे मैथिली बाजय पढयबला सेहो नीक पद पर पहुँचैत अछि), मिथिलाक्षरहूँ अछि अंतमे. मिथिलाक एक नक्शा कतहु रहितय से नीक (अगिला कड़ीमे देल जाय), खेल -खेलमे सेहो राम, कृष्णक चर्चा(पृ. ४४-४५), जगदीशचन्द्र बसुक हँसैत-कनैत गाछक रूपमे ऋतु वर्णन(पृ.४९), सागरक वैविध्य वर्णन(पृ.६३-६४), विज्ञान प्रश्नोत्तरी(पृ. ६८), आविष्कारक माय आवश्यकता(पृ ७२) मे भारतक अंक- शून्यक अवदान आदि.

म स मिथिला आर लेखक क गाम मेहथसँ आर की की नै ( पृ.६५)- एक कड़ी एहिना अ, आ सँ ज्ञ तक बनायल जा सकैत छैक बच्चाके अपन संस्कृतिक ज्ञान दैत.

सब पन्ना सचित्र अछि ताकि नेना बुझि सकय

अधिकाश गीत गेय अछि

लगैत अछि बालोपयोगी जानि बहुत ठाम व्याकरणक नियम पालन नै भेल - जेना पोथीक नाममे फूलक बाद अल्पविराम (कोमा)

बच्चा चुलबुलक नामके नेना भुटकाक उच्चारण तुलबुल

आ एहेन अनेक ठाम (पृ.१४,.... )

बालक -बालिकाक जे चित्र मुखपृष्ठ पर देखावल गेल अछि ओहिमे कोनो गामक नहि, शहरीआ विकासकक परिचायक (पृ.२४) जखन की गामक चीज पर बहुत चर्चा अछि -चेत कबड्डी(पृ.५०), सोचु, सोचु(पृ.५१)मे किसानक महिमा) आ पर्यावरण(पृ.१२,२२,२३),आ रंगीन आर्ट पेपर पार्क फूलआ तितली, टून मून रे क जंतु संसार छपर छैयांक पनिबोडाक रंग, गाछ रोपिह फलदार, दादा-दादीक रोपल गुलाबक फूल(?) आ आन फूल पर बहुत चर्चा अछि, सौरमंडल , दुतियाक चान, (पृ.२५)क चुन्मुनी, २६, २७, २९ क आम, पृ.३३क बगुला, पृ.३५क फूलवती, बाबा दिनकर, ई धरती, सागरक संपदा, धरतीक सिगार चिडी-चुन्मुनी, गीध जकां दुर्लभ चिड़ी के बचबयके आग्रह, जाडक रौद, ऋतू वर्णनमे गाछ (पृ.४९), गाछ रोपीह (पृ.५७), सागरक सैर (पृ.६३),चिंता कचड़ास बचाब जल-नभ-स्थलके(पृ.६६), कछ्मछी(पृ.६७). एही लेल आ स्वतंत्रता हेतु, बाबा पोता गीत(पृ. ७१) मे अछि पर्यवरण, जल जीवन अछि (पृ.७६-७७ )मे जल संचय आ जल छाजनक बात अछि,बाघ मारक विरोध(पृ. ७९-८०) आदि.

मुदा 'हैप्पी बल्थ डे'(पृ.१४)आआर्ट पेपर पर पर सेहो शुभ जन्मदिन आ तहिना दू-ददू बेर हैप्पी दिवाली आ हुक्का लोली(पृ.५४मे) मुदा भरदुतिया आ होली नहि भेटल जे सबस अधिक प्रिय बच्चाके

स्वास्थ्य संबंधी नीक जानकारी(पृ.१५) संतुलित आहार (पृ.५५) नीक अछि जे नून आ चीनी कम खेबाक अछि आ फल फूल साग खेबाक आ पौष्टिक आहारक (पृ.१५,) मुदा टाफी चर्चा नै रहितय त नीक (पृ.२८), आमा माइक पेटारीमे (पृ.५२) ग्रामीण नुश्खा मे तुलसी, नेबो आदि ठीक मुदा धात्री फलं सदा पथ्यम नै देखल .

संस्कार लेल अनेक बात अछि ((पृ.१६,३४) नब जटा - जटीन, विद्यार्थीक पञ्च लक्षणक सचित्र विवरण(पृ.५९), सर-कुटुम (पृ.४८), सीखक लेल भीख(पृ.८२), बालश्रमक विरोध(पृ.८३) ई ठीक बात नै .

समाजक बिविध भागक जानकारी लेल मुस्लिम लेल अलीखान (पृ.६०), कारीगर (पृ. ६१-६२),

राहुलक माता यशोधरास प्रश्न मार्मिक अछि (पृ.६९ )पिताजी कत गेलाह? आखर यागक धुआं मे शिक्षाक महत्ता अछि (पृ. ७०), मूलमंत्र(पृ. ७३-७४मे) सत्यनिष्ठा, समर्पणस गांधी, सचिन, कलाम बनक गाथा चिरई,चुट्टी, मूसक सतत कर्म जकां.

भारत भक्तिक संग संगीतक वर्णन (पृ.७७), प्रकृति चित्रण अछि(पृ. ७८) आबी गेले अलेदाले भोर आ अनेक बालसुलभ गीत यथा (पृ.८१),

अनेक सुधार अगिला संस्करणमे संभव अछि-

बै नी आ ह पि ना ला क मैथिली पूरा रूप देनाई नीक जे केवल पीअ र लेल लिखी देलासँ भयजाइत (पि नहि)

पृ.९- 'मात्रा के यात्रा' नहि 'मात्रक यात्रा'मे (आ तहिना बाबाक अंगुरी (पृ. ८१) 'बाबा के अंगुरी' क जगह), दीर्घे कीस दादीजी नीक रहैत -(स्कूलमे आब मिस पढ्बैत छथि दीदी कहाँ ?)

पृ.१० एम् एल अ क उदहारण सटीक नै

पृ.११- चटापटा शब्द ?

पृ.४७- 'बड़े- बड़े' सपनामे, पृ.६३ सागरक 'सैर' मे हिन्दीक छाप अछि ( से आन अनेक आनो ठाम अछि)

पृ.१२- स्कूलमे जाईबला बच्चा लेल हाती आ एहिना सब शब्द कियैक- या त नर्सरीक बच्चा लेल केवल अलग अध्याय हो (बादक बच्चा लेल ई अनुपयोगी गलत उच्चारण सीखबयबला जेना बिरस्पति(पृ. ३८) ?

पृ. ३८- ६० अलीखानक इम्तिहान छनि त हुनक पिताजी नै अब्बाके आबक छल आ मायके नै अम्मीके आ तपक हुनका प्रयोजन?

एहिना बहुत ठाम

ध्यान राखी जे कोनो किताबक पाठकवर्गक आयु यदि तय अछि तखनहु ओकर विशेष आयु वर्ग लेल चीज बाँटल होयबाक चाही

इन्द्रधनुषक सात रंग नै सात वर्ष तकके बच्चा लेल पोथी हर वर्ष लेल अलग अध्यायमे रहक छल आ जाहीमे पहिल माय लेल दोसर तुलबुल लेल आ एहिना होइत पांचम छठम लेल लिखैत काल शंकरक 'अपूर्णे पंचमे वर्षे.' जरूर याद राखक चाही -

कार्यक्रममे गीतके प्रस्तुत करयबला जे बालक-बालिका छलथि ओहिमे अधिकांश शुद्ध उच्चारण कय सकयबला आयुवर्गक छलथि (पृ. ३०, ३१, ३७) ई ध्यान रखैत अध्यायभाजन अगिला कड़ीमे जरूर हो.

लगैत अछि एतेक परिश्रमसँ तैयार किताबक ठीक सम्पादन नहि कयल गेल आ जे कियो सरसक गीतक प्रशंसक छलाह ओ सब एकर गीत बेर-बेर सुनि-सुनिकय सेहो केवल नीक -नीक बात बजयबला मुदा समाजमे स्वस्थ आलोचकक सेहो कमी नै

पोथी लेखक सरस भनही दादा नहि भेलाह अछि (जे बादमे बात केला पर मालूम भेल) हमरा लागी रहल छल जे ई सरस ककाक(पृ.५ )नहि सरस दादाक उपहार अछि नेना भुटका लेल जे अनेक ठाम आयल अछि - बाबा, पोता संवाद(पृ. ७१), बाबाक अंगुरी (पृ. ८१) ('बाबा के अंगुरी' नहि).

८४ पृष्ठ + २४ आर्ट पृष्ठ पोथीक मूल्य १०१ रूपा अधिक नै अछि (जे कियो २०० रूपा राखि सकैत छल)- सरसजीक संपर्क – 9931346334, 0651-2560786

(NOTE-टाकाक जगह बेगुसरायक रूपा लिखब हमरा नीक लगैत अछि जे रानी विक्टोरियाक चांदीक/ सिक्का/ रूपा चाल जाहीस एक टाका बनल अछि)


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