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Saturday, April 7, 2012

वि‍देह नाट्य उत्‍सव- २०१२ :: उमेश मण्‍डल



मधुबनी जि‍लान्तoर्गत चनौरागंजक जे.एम.एस. कोचिंग परि‍सरमे वि‍गत २८-२९ जनवरी २०१२केँ सरस्वीती पूजाक अवसरपर दू-दि‍वसीय ‘वि‍देह नाट्य उत्स व’क आयोजन वि‍देह ई-पत्रि‍काक नाट्य-रंगमंच-फि‍ल्मगक संपादक बेचन ठाकुर जीक संयोजकत्वउमे कएल गेल। श्री बेचनठाकुर लि‍खि‍त ‘बि‍सवासघात’, श्री गजेन्द्र   ठाकुर लि‍खि‍त ‘उल्कािमुख’ आ श्री जगदीश प्रसाद मण्ड-ल लि‍खि‍त ‘बि‍रांगना’ नाटकक मंचन श्री बेचन ठाकुरक ि‍नर्देशनमे भेल। नाट्य रंगमंच-फि‍ल्म पर परि‍चर्चा, शि‍शुकला प्रदर्शन, काव्य  गोष्ठी ‍, एकर अति‍रि‍क्त नाटक अभि‍नय, गीत-संगीत, हास्य –कला, नृत्य-कला, मूर्ति-कला, शिल्प-वस्तु कला, काष्ठ -कला, कि‍सानी-आत्म‍नि‍र्भर संस्कृीति एवं चित्र-कला‍ क्षेत्रमे २०१२क ‘विदेह सम्मान’ सेहो प्रदान कएल गेल। ऐ अवसरपर वि‍शि‍ष्ट  अति‍थि‍ रहथि‍ साहि‍त्यसकार जगदीश प्रसाद मण्डरल, कवि‍ जनककि‍शोर लाल दास, झंझारपुरक वरीय उपसमाहर्ता सह प्रभारी एस.डी.ओ. चेतनारायण राय, डी.सी.एल.आर; कुमार मि‍थि‍लेश प्रसाद सिंह, पूर्व जि‍ला पाषर्द बलराम साहु, डॉ. उषा महासेठ, कुमार रामेश्वर लालदास, रामवृक्ष सिंह, ब्रज कि‍शोर साह आ अवकाश प्राप्तस शि‍क्षक हरि‍नारायण झा। हजारो दर्शक-श्रोताक अालाबे दूर-दूरसँ आएल साहि‍त्यर-संगीत प्रेमी सबहक उपस्थि‍‍ति‍ सेहो छल। मंचक संचालन रामसेवक ठाकुर, दुर्गानंद मंडल आ दयानंद कुमार केलनि‍। वि‍देह मैथि‍ली पोथी प्रदर्शनी मंचक दहि‍ना भाग लगाओल गेल रहए जे आकर्षक रहल।

दि‍नांक २८/०१/२०१२ अर्थात उत्सेवक पहि‍ल दि‍न दूटा नाटक क्रमश: बि‍सवासघात आे उल्काचमुख’क प्रदर्शन भेल। जतए पहि‍ल नाटक हालेमे एन.एच. ि‍नर्माणमे भेल घोटालासँ उपजल षड्यंत्रक प्रभावकँ  उघार केलक ओतहि‍ दोसर नाटक जादू वास्त.वि‍कतावादी उल्काणमुख जइमे ऐति‍हासि‍क षड्यंत्रकेँ उघारलक आ खचाखच दर्शकदीर्घामे दाँते ओंगरी कटबाक स्थिा‍ति‍ बनौलक।

गुरु: ब्रह्मा गुरु: वि‍ष्णुथ... मंगलाचरणसँ उद्घाटन सत्र प्रारम्भह भेल। वि‍धि‍वत् दीप प्रज्वललि‍त कऽ अवकाश प्राप्तआ शि‍क्षक कुमार रामेश्वर लाल दास उद्घाटन केलनि‍। रंगमंचीय अध्यउक्ष डाॅ. उषा महासेठ एवं श्री ब्रज कि‍शोर साहक अभि‍भावकत्वशमे कार्यक्रमकेँ आगाँ बढ़ाओल गेल। एकटा सुन्दकर स्वािगत गीतसँ सुश्री शि‍ल्पीश कुमारी ओ आशा कुमारी स्वा गत केलनि‍।

नाटक मंचनसँ पूर्व काली माताक झाँकी प्रस्तुमत कएल गेल जइमे काली केर प्रदर्शन केलीह सुश्री आरती कुमारी हाथक सहयोग केने रहनि‍ सुश्री उजमा नि‍हकत। ऐ अवसरपर गीत गाओल गेल छल- जय जय भैरवि‍....., जेकर गायक कलाकार रहथि‍ कुष्णऐ कुमार यादव ओ कमल ि‍कशोर ‘पंकज’। एकर अति‍रि‍क्ति   जल स्वाच्छ‍ता अभि‍यानपर आधारि‍त गीत ‘जल स्वीच्छरता बढ़बैत चलू....’ एवं जट-जटीन, ‘जब जब पढ़ए कहलि‍यौ गे जटीन.....; फगुआ ‘सरस्व ती पूजामे नव उमंग आनल वसन्‍त.....; रागि‍नी कुमारी, वि‍भा कुमारी, ललि‍ता कुमारी आ सुधीरा कुमारी द्वारा प्रस्तुनत कएल गेल।
बि‍सवासघात नाटकक प्रमुख पात्र- राम कि‍शुन, बीरू, एस.पी, कलक्टेर, उमाशंकर, गंगाराम, लक्ष्मीा, ओम प्रकाश, बि‍लट, राजा आ हरि‍कि‍श्वर जेकर अभि‍नय केने छलाह क्रमश: दुर्गानंद ठाकुर, श्रवण कुमार महतो, सुनील कुमार महतो, नवीन कुमार मण्ड.ल, अमि‍त रंजन, सर्व नारायण महतो, नवीन कुमार, अभि‍नव कुमार सागर, मो. टॉसि‍फ, रमेश कुमार यादव, आ जीतेन्द्रर कुमार पासवान।

उल्काशमुख नाटकक प्रमुख पात्र- गंगेश, वल्ल,भा, देवतत्त, आचार्य सिंह, भगता आ गंगाधर। अभि‍नय केने रहथि‍ क्रमश: अंजली ि‍प्रयदर्शिनी, प्रीति‍ कुमारी, सुलेखा कुमारी, श्वेगता कुमारी, पूजा कुमारी आ शि‍ल्पी्   कुमारी।
अंतमे हास्य  कलाकार श्री दुर्गानंद ठाकुर द्वारा अद्भुत समाचारक प्रस्तुशति‍ कऽ राति‍क ११ बजे कार्यक्रम शेष भेल।

एहि‍ना दोसर दि‍न माने २९/०१/ २०१२क कार्यक्रम शुभारम्भक भेल ‘वि‍देह सम्मा न समारोह’सँ ऐ सत्रक उद्घाटन उपसमाहर्ता सह प्रभारी एस.डी.ओ. चेत नारायण राय, डी.सी.एल.आर. कुमार मि‍थि‍लेश प्रसाद सिंह, साहि‍त्यसकार जगदीश प्रसाद मंडल, कवि‍ जनक कि‍शोर लाल दास, डॉ. उषा महासेठ एवं अवकाश प्राप्त   शि‍क्षक हरि‍नारायण झा सम्मिं‍लि‍त रूपसँ दीप प्रज्विलि‍त कऽ केलनि‍।
नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प-वस्तु्कला, काष्ठक-कला, कि‍सानी-आत्म,नि‍र्भर संस्कृ ति एवं
चित्रकला‍ क्षेत्रमे २०१२क विदेह सम्मानसँ सम्मारनि‍त प्रति‍भागी सबहक सूची ऐ तरहेँ अछि‍-
अभि‍नय-
सुश्री शि‍ल्पी- कुमारी, उमेर- १७ पि‍ता श्री लक्ष्ममण झा
श्री शोभा कान्तय महतो, उमेर- १५ पि‍ता- श्री रामअवतार महतो,
हास्यश-अभिनय-
सुश्री प्रि‍यंका कुमारी, उमेर- १६, पि‍ता- श्री वैद्यनाथ साह
श्री दुर्गानंद ठाकुर, उमेर- २३, पि‍ता- स्वष. भरत ठाकुर
नृत्यद-
सुश्री सुलेखा कुमारी, उमेर- १६, पि‍ता- श्री हरेराम यादव
श्री अमीत रंजन, उमेर- १८, पि‍ता- नागेश्वर कामत
चि‍त्रकला-
श्री पनकलाल मण्डल, उमेर- ३५, पिता- स्व. सुन्दर मण्डल, गाम छजना
श्री रमेश कुमार भारती, उमेर- २३, पि‍ता- श्री मोती मण्डदल
संगीत (हारमोनियम)-
श्री परमानन्दा ठाकुर, उमेर- ३०, पि‍ता- श्री नथुनी ठाकुर
संगीत (ढोलक)-
श्री बुलन राउत, उमेर- ४५, पि‍ता- स्वे. चि‍ल्टू  राउत
संगीत (रसनचौकी)-
श्री बहादुर राम, उमेर- ५५, पि‍ता- स्वे. सरजुग राम
शिल्पी-वस्तुकला-
श्री जगदीश मल्लिक, उमेर ५० गाम- चनौरागंज
मूर्ति- कला-
श्री यदुनंदन पंडि‍त, उमेर- ४५, पि‍ता- अशर्फी पंडि‍त
काष्ठ-कला-
श्री झमेली मुखिया,पिता स्व. मूंगालाल मुखिया, उमेर ५५, गाम- छजना
किसानी-आत्मनिर्भर संस्कृति-
श्री लछमी दास, उमेर- ५०, पिता स्व. श्री फणी दास, गाम बेरमा


उपरोक्तम प्रति‍भागी सभकेँ प्रस्तीापत्र, प्रतीक चि‍न्ही अा मालासँ सम्मा नि‍त कएल गेलनि‍। उपहार स्व रूप लगभग हजार-हजार रूपैयाक नव मैथि‍ली पोथी सेहो प्रदान कएल गेल। ऐ तरहेँ वि‍देह द्वारा ई एकटा नव डेग, जेकरा मैथि‍ली साहि‍त्यरमे पहि‍ल डेग सेहो कहबामे कोनो हर्ज नै, उठाओल गेल।
दोसर सत्र कवि‍ सम्मेिलन आ परि‍चर्चाक छल‍। ऐमे भाग लेलनि राम सेवक ठाकुर, दुर्गा नन्दँ मण्डकल, नन्द   वि‍लास राय, कपि‍लेश्वर राउत, लक्ष्मी  दास, रामवि‍लास साहु, प्रो. उपेन्द्र  नारायण अनुपम, जगदीश प्रसाद मंडल, जनक कि‍शोल लाल दास, राम प्रवेश सिंह, शम्भूर सौरभ, अजय कुमार दास, बलराम साहु, राम सेवक ठाकुर, अखि‍लेश कुमार मण्डहल, शि‍वकुमार मि‍श्र आ मो. गुल हसन आदि‍ कविमे‍ अखि‍लेश कुमार‍ मंडल आ लक्ष्मीि दास छोड़ि‍ सभ अपन-अपन स्वषलि‍खि‍त नूतन कवि‍ताक पाठ केलनि‍।
ऐ तरहेँ दोसर सत्रक समापनक पछाति‍ तेसर सत्र जे रंगमंच-सत्र आ वि‍देह नाट्य उत्सरवक अंति‍म सत्र आयोजि‍त भेल। अंति‍म सत्रक वि‍शि‍ष्टव अति‍थि‍गण रहथि‍- कामेश्वर कामति‍, नीलकांत दास, शि‍व कारक, मो. असनुद्दीन, नन्द‍ कि‍शोर गुप्ताअ, कपि‍लेश्वर राउत। रंगमंचीय अध्यलक्षता ओ मंच संचालन केलनि‍ दुर्गानंद मंडल।

....ग्रामीण जीवनकेँ बजारोन्मुसख हएब...। सस्ताि श्रम-शक्तिा‍ भेटलासँ पूँजीपति‍ वर्ग द्वारा शोषण...। श्रमक लूटसँ ग्रामीण लोक जानवरोसँ बत्तर जि‍नगी जीबए लेल मजबूर...। रूपैयाक लालचमे नीच-सँ-नीच काज करबाक लेल लोक केना तैयार होइए इत्या दि‍ वि‍षय-वस्तुचपर आधारि‍त बि‍रांगना एकांकी’क प्रस्तु ति‍ कएल गेल जेकर प्रमुख पात्र छल- गामक साधारण कि‍सान- सोनमा काका, सोनमा काकाक पड़ोसी- तेथरू, सोनमाकाकाक गौआँ एवं रामरूपक पत्नी- कोशि‍ला, रामरूपक पि‍ति‍औत भाए- अयोधी, अयोधकी पड़ोसी- जुगेसर, अयोधीक माए- कुशेसरी, सोनमा काकाक पड़ोसीन- रूपनी दादी आ दि‍ल्लीस कारखानामे कार्यरत रामरूपक संगी- जीवन, अभि‍नय केलनि‍‍ क्रमश- कृष्णि कुमार यादव, रामबाबू भारती, कमल कि‍शोर पंकज, मि‍थि‍लेश कुमार राम, मि‍थि‍लेश कुमार यादव, राम रतन साहु, कि‍शोर कुमार यादव आ पवन कुमार यादव। बि‍रांगना नाटकक पछाति‍ वि‍देह नाट्य उत्सरवक समापनक घोषणा कएल गेल।
उपरोक्त। समाचारक फोटो व वि‍डि‍यो नि‍म्ने लिंक सभपर उपल्ध्रम  अछि‍।
http://maithili-drama.blogspot.com/
http://esamaad.blogspot.com/
http://videha123radio.wordpress.com/
http://sites.google.com/a/videha.com/videha-video

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