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Saturday, April 7, 2012

अन्हारक विरोधमे हाथी चलए बजार -अरविन्द ठाकुर आ देवशंकर नवीन -गजेन्द्र ठाकुर



अरविन्द ठाकुर आ देवशंकर नवीन : अरविन्द ठाकुर(१९५४- ) आ देवशंकर नवीन (१९६२- ) दू टा एहन कथाकार छथि जे कनियाँ काकी आ बुच्ची दाइसँ हटि कऽ मैथिली कथा लिखै छथि, मुदा कम लिखै छथि, अरविन्द ठाकुर तँ बहुते कम, कारण एकहके टाक कथा संग्रह आइ-धरि आएल छन्हि, अन्हारक विरोधमे- अरविन्द ठाकुरक आ हाथी चलए बजार - देवशंकर नवीनक । अरविन्द ठाकुरक सशक्त पक्ष छन्हि राजनैतिक-आर्थिक कथा सभ तँ देवशंकर नवीन अपन भाषिक शब्दकोशक विशालता लेने सोझाँ अबै छथि। मैथिली कथाक जड़ता कम तँ होइत अछि मुदा बहुत रास आवश्यक पक्ष कम लिखबाक आ गबदी मारने (मैथिल गबदी ) रहबाक कारण छुटि जाइत अछि। देवशंकर नवीन एक्के प्लॉट बेर-बेर सोझाँ अनैत छथि, जेना ऋणखौक आ इजोतमे पुतोहुक ससुरकेँ मारबाक चर्च आ एहि तरहक आनो क्रम, जे आभास दैत अछि जे एकेटा कथाक प्लॉटसँ कैक टा कथा बनल अछि, तँ उस्सर जमीनक उत्तरार्धक प्लॉट, जकरा कथाकार नीक जेकाँ उपयोग नहि कऽ सकलाह। उत्तरार्धक प्लॉटक हम एहि द्वारे चर्चा कएलहुँ कारण ओहि प्लॉटक अनुभव सभ मैथिलकेँ छन्हि आ ओहि आधारपर कुमार पवन एकटा अविस्मरणीय कथा पइठ (अंतिकामे प्रकाशित) लिखि दैत छथि जे हुनकर यश एकमात्र अही कथाक कारण अक्षय रखबामे समर्थ अछि जेना चन्द्रधर शर्मा “गुलेरी” केँ उसने कहा था कथा रखलकन्हि। अरविन्द ठाकुर कथा लिखै छथि आ जे लिखै छथि से सामाजिक-राजनैतिक-आर्थिककेँ तेनाकेँ जोड़ि कऽ जे मैथिली कथाक एकटा रिक्तताक पूर्तिक प्रयास करैत अछि, मुदा बड्ड कम लिखै छथि से पाठक पियासल रहिये जाइत अछि, घट अपूर्णे रहैत अछि।
अन्हारक विरोधमे- खिस्सा सियार-यार- रामनारायण महराज-एक्स एम.एल.ए. आ भूतपूर्व चेयरमैन सरकारी प्रकाशन कमिटी, तहिया कोनो घोटालामे मुख्यमंत्रीक भाइ रामाधार पांडे,एम.एल.ए. हिनका बचेने रहथिन्ह। गरीबदास आजाद जिला कमिटीक महामंत्री, अनेक बर्ख धरि सोशलिस्ट आ आब महासभा पार्टीमे, बेटा सेहो ट्रेनमे डकैती धरि करए लागल छन्हि। शालिगराम राय आ लखन यादव- मनबढ़ू सभ। मीटिंग। राजनाथ झा आ जीबछ मंडलक मुँहे राजनीतिपर किछु पैराग्राफ अबैत अछि।सदानन्द विद्रोही महासभापार्टीक विरोधी दलक स्वयंभू नेता तोफान सिंहक शागिर्द आ हुनका संग एकटा बम विस्फोटमे दहिना हाथ गमेने एकटा जुआन।हुनकर अफसोच करब, रघुबंश मंडलक जिला कमिटीक भाइस प्रेसिडेन्ट बनबामे पांडेजीक दाँव- बैकवार्डकेँ जगह भेटबाक चाही, आ चौधरीजीक प्रतिष्ठाकेँ देखि हुनकर चुप भए जाएब! राजमंगल श्रीवास्तव आ सतीश सिंह परमार (छत्तीस बाबू छत्री- मनबढ़ू शब्दावली )। एकावन गोट मेम्बरबला संस्था धेला कमिटीक सर्वेसर्वा परमारजी।श्रीवास्तव आ परमारक जोड़ी कुख्यात- अलग-अलग रहलापर दुहू गोटे एक दोसराकेँ गारि पढ़ैत छथि मुदा रहै छथि संगे।पूर्व प्रखण्ड अध्यक्ष शनिचर “शनि”-गाजा आदिक अनवरत सेवी आ वर्तमान युवा अध्यक्ष गणेश गुरमैता-पेटीशनबाज। चटर्जी दा- पटनासँ फोनपर रहै छथि- चौधरीजी आ पांडेजीक विरोधमे चौबेजीक संगे फ्रंटक नियार छनि। शनि-गुरमैताकेँ परमार गपमे ओझरा लैत छन्हि तँ क्यो गोटे दुनू गोटेकेँ फुसियाहीं कऽ सोर करै छन्हि आ त्राण दियाबै छन्हि। जटाशंकर मलिक प्रसिद्ध माखन बाबू (सभ नट वोल्टपर फिट होअएबला सलाइ-रिंच- मनबढ़ू शब्दावली )।अपनापर ध्यान आकर्षित करबा लेल पारसमणि चौधरीकेँ सोर करै छथि आ हुनकर प्रणामक उत्तर तीन प्रणामसँ दै छथि। हुनकर कार बेटा बौका बाबू (सम्प्रदायवादी पार्टीक मेम्बर) लऽ गेल छन्हि आ जीप खराप छन्हि- दुसधटोली बलाक पंचैती करबाक छलन्हि से रिक्शा मँगबाबए पड़लन्हि।च्यवनप्राश खाइते रहै छथि- राघोपुरसँ होमियोपैथिक इलाज करेने छथि।सीता बाबू महासभा पार्टीक प्रखण्ड अध्यक्ष (माखन बाबूक बहु- मनबढ़ू शब्दावली)।सुबोधनारायण सिंह प्रसिद्ध सुबोधजी।एक्स.एम.एल.ए. आ एक्स अध्यक्ष जिला महासभा पार्टी (समर्थक शब्दावली- जिलाक गाँधी, विरोधी शब्दावली- नटवरलाल आ मनबढ़ू शब्दावली- मुँहदुबरा)।सादगी रहन-सहन, विनम्र।रामाधार पांडेजीक भाए मुख्यमंत्री शिवाधार पांडेक प्रति समर्पित। मुदा चौधरीजीसँ बेसी सटबाक सजा मुदा शिवाधारजी हिनका पार्टीक उम्मीदबारी वापस लेबा लेल कहि कऽ देलखिन्ह। राजीव शर्मा-गलतफहमीक शिकार- जे छल-प्रपंच, फूसि आ विश्वासघातक बिनहु राजनीति कएल जा सकैत अछि। ठाँहि-पठाँहि बजै छथि आ से मनबढ़ू सभ कटाह कहै छन्हि। सुबोधजीक कहलापर जे शिवाधार बाबूक फोन अएलन्हि तेँ हुनका नाम आपिस करए पड़लन्हि, ओ कहै छथि जे एहि लुच्चा-लफंगा सभक सरदरबाक गोल्हड़ी झाड़ि देबनि हमरासभ। ओतहि रामसोगारथ मंडल सेहो छथि, स्वतंत्रता सेनानी मुदा सम्मान-पेंशन अस्वीकार कऽ चुकल छथि। कियो कहै छन्हि तँ कहै छथिन्ह जे जाऊ बाऊ जाऊ, ई गप सुन्नर ठाकुरकेँ सिखेबन्हि जे मुनिस्टर सभक केश-दाढ़ी बनबैत सुराजी पेंशन हथिआए नेने-ए। आ तखने अनघोल, फेर बाजी मारि लेलन्हि चमोक्कनि! आ माखन बाबू बड़का गाड़ीसँ उतरैत रामाधार पांडेक गरामे माला पहिरा दै छथि। फेर एकाएकी माला पहिरेबाक चलन आ फेर एकाएकी भाषण-भाख। आ ओम्हर रामसोगारथ मंडलक सपनामे कारी-कारी भयावह आकृति सोनहुला सपनाकेँ चारू कातसँ घेरि लैत छन्हि। पियासल पानि- रामचरनक खेती करब, आब हरबाही मुदा ओकर बेटा लखनाक माथपर छैक आ तखने ओकर गौना होइ छै आ अबैए नारायणपुरबाली। लेखक वा कथाक सूत्रधार कनियाँक मुँहदेखाइ लेल जाइत छथि आ देखै छथि ओकर अपार रूप-राशि। लखनाक काकी बेरियाबाली ठट्ठा करै छन्हि आ ओ बहार भऽ जाइ छथि। नारायणपुरबाली एक दिन सूत्रधारक पएर जाँतऽ लगै छथि। रोपनी, डोभनी, कटनी आ कमौनी, कोनो काजमे नारायणपुरबालीक जोड़ नहि। एक दिन अन्हरगरे सूत्रधार खेतमे कटनी करबए बिदा होइ छथि तँ आमक कलम लग नारायणपुरबालीक आतुर ठोर हुनकर गाल, माथ आ कंठपर निशान छोड़ि दै छन्हि। मुदा तखने घरैया नोकर सरजुगबाक अबाज अन्हारसँ अबै अछि आ बज्जर खसाबथुन भगवान एहि दुसमनमापर- कहैत निराशा, लालसा आ घृणासँ कुंडाबोर नारायणपुरबाली आगाँ बढ़ि जाइ छथि। ओम्हर नारायणपुरबालीपर डाकनी सवार छै से घोल होइए, देहपरक कपड़ा-बस्तर ओ फेकि लैए। मोतिया दुसाध दारू पिबैए, बरहम बाबाक परसादी आ फेर भगता बनि सात टा काँच करची नारायणपुरबालीक देहपर तोड़ि दैत अछि। आ डाकनीकेँ हरदुआरक श्मशान पीपर गाछपर भगा दैत अछि! भागि जाइए नारायणपुरबाली। दोसर बेर लखनाक बियाह होइ छै मुदा एहि बेर सूत्रधार एगारह गो टका अनका दिया पठा दै छथि। कनियाँक होनहारिक खबरि सुनि रामचरन प्रसन्न भेल मुदा लखना अपन कपार फोड़ि लैत अछि, कारण ओ नामरद अछि। नारायणपुरबाली...लछमी छलै, बेकसूर, बेचारी, अभागलि। अन्हारक विरोधमे- हो हल्ला। कथाकर वा सूत्रधार बहराइ छथि आ पहुँचै छथि अलाउद्दीन लग। कहै छनि अलाउद्दीन, मुसलमान कुजड़ा। जनारदन चौधरी ओकर यार। ओकरे टोलमे बिकुआ ओकर एहि यारक भाइकेँ गारि पढ़लकै। ओकर बेहुदपनीक शिकाइत लऽ कऽ जनारदनक भाइक आएब, भैया कहि सोर पारब, मुदा तखने बिकुआक मारब आ तखने ओकर घरक मौगी सभक ओकरा गारि पढ़ब शुरू भेलै। आ उनटे हिन्दू-मुसलमानक शगूफा सेहो छोड़ै रहै। कोन इज्जति रहि गेलै एहि टोलक। आकि तखने, चारू दिस अपन डराओन छाँह पसारने अन्हारक छातीकेँ चीरैत बिजलीक जगमग इजोत दूर-दूर धरि पसरि गेल।ढाँचा-१९९२- कथाक सूत्रधारक चिट्ठी। स्वीकारोक्ति जे जे किछु लिखा गेल छन्हि से वातावरणक दबाबमे। हालहिमे जॉन्डिस भेल छलन्हि, जीहकेँ रास लगा कऽ पड़ल छलाह। रौद, गरदा आ धुँआसँ अकच्छ छथि। एकटा आर विचित्र बेमारी, देहमे तेज हउहटि आ चमड़ापर नहुँ-नहुँ चकत्ता उभरऽ लगै छन्हि। एक दिन सहरसासँ घुरै छलाह आकि स्कूटर खराप भऽ गेलन्हि। मिस्तरी आधा घंटामे स्कूटर ठीक करबाक गप कहलन्हि मुदा पाट-पुरजा खोलि कऽ छिड़िया देलकन्हि आ चारि घंटा लगलन्हि। सुपौल घुरि डॉ. दासक क्लिनिक गेलाह, होमियोपैथिक दवाइक बुन्न असरि केलकन्हि मुदा घंटा लागि गेलन्हि। एक बेर सासुरसँ घुरैत काल सेहो एहिना भेलन्हि। एक तँ पत्नीसँ बिछोह आ दोसर हाड़ कंपकपाबय बला ठार आ सिहकैत हबा ! गोष्ठी, प्रो. राजेन्द्र, डॉ मुखर्जी आ के.के.इन्स्टीट्यूट ऑफ मैडोलॉजीक प्रिंसिपल झा। प्रो. राजेन्द्रक डॉ मुखर्जीसँ कहलापर जे इलाजक फीस पाँच टका तँ दऽ देब मुदा दबाइ देबए पड़त मुफ्तिया, फिजिशियन सैम्पल। ताहि पर मुखर्जीक कहब जे मेडिकल रिप्रेसेन्टेटिव सभ हुनका घासो नहि दै छन्हि आ एहि लेल तँ डॉ. दास लग जाए पड़त। फेर अयोध्यामे बाबरी मस्जिदक ढ़ाँचाक ध्वस्त हएब। सूत्रधारक देहक कँपकँपी, हउहटि, चकता आ सूजन फेरसँ। कोनो प्रत्यक्ष कारण नहि रहए एकर, मुदा तैयो हुनकर देह एकरा भोगने छलन्हि।मूस- ओ आ ओकर दबाइक दोकान। नबका ड्रग इंस्पेक्टर एहि दुर्गा पूजामे पाँच सए टाका सलामी लऽ गेलै। दोकान थसे जेकाँ लेने छै। अनुज बैसै छै दोकानपर। भुमिहार पेंच भिड़ाओत आकि दोकान करत ! बैंकक पुरना लोन, घरक पाँच सालक बिजलीक बिल।..जेठका सार नागपुरमे एकाउन्टेन्ट छै, सनगर नोकरी आ सेहन्तगर कनियाँ छै। जे ओ जादूगर रहैत आ तखन गिली-गिली फू आ अलाउद्दीनक चिराग जे रहितै ओकरा हाथमे तखन ! मुसबा तँ परेशान केने छै, खाइतो काल, मुदा एखन ओकरा एक्को रत्ती तामस नहि उठै छै।ई शहर अनुमण्डलसँ जिला मुख्यालय भऽ गेल छै, जमीनक दाम बढ़ि गेल छै। जमीन बेचि सभटा कर्जा-बर्जा सधा देत। निन्नक बदलामे पारदर्शी बुनबुना आ विभिन्न आकृतिक आ रूपक मूस , कुतरैत, लड़ैत , नचैत, प्रेम करैत, पोथी पढ़ैत आ रम्मी खेलाइत मूस। दोसर बेर बड़का टा बुनबुन्ना, मूसक कारणसँ प्लेग। मेहनतकश मूस बिहरि बनबैत अछि मुदा साँप ओहिमे रहैत अछि। अचकचाकऽ ओ उठि गेल। स्वर्गीय पिताक चित्र देखैत अछि। पूर्वजक अर्जित सम्पत्तिक उपयोग साँपे जेकाँ करत? केआरीमे अनेरुआ घास-पात खुरपीसँ साफ करऽ लागल। प्रजातंत्र परिकथा- एकटा हत्या आ दू टा घरमे डकैती। कमल कुमार शर्मा एहि खबरिकेँ देखैत अछि, सेन्सर्ड सन खबरि। ई गपक चर्चा नहि जे ओ डॉक्टर के.पी.भगत सेवानिवृत्त छल आ मामूली फीस लै छल। ओकर घरमे डकैत सभ गरीब मरीज आ ओकर परिजन बनि पैसल छल। ओहि पत्रकारपर कालाबाजारी आ मिलावटक केस एखनो लटकल अछि से ओ कोना लिखितए जे ओहि घरसँ पुलिस थाना अगबे एक सय डेगपर आ आरक्षी महोदयक निवास अगबे साठि-सत्तरि डेगक दूरीपर छलै। फेर डॉक्टर ओहिठामसँ ओ सभ राष्ट्रपति पदक प्राप्त हालहिमे रिटायर भेल शिक्षक विक्रम प्रसाद वर्माक घर पहुँचि गेल, डकैती सेहो केलक आ खेनाइ बनबाकेँ सेहो खएलक। विक्रम बाबूक भाइ गजानन बाबू आरक्षी अधीक्षकक ओहिठाम नजरि बचा कऽ पहुँचि गेलाह। मुदा तैयो किछु नहि भेल। अस्पतालक हाताक मुख्यद्वारपर लोक सभ जुटि गेल। मधुरेश किशोर द्विवेदीक केमिस्ट आ ड्रगिस्ट एसोशियेशन एकरा नेतृत्व दऽ रहल छलै। स्कूलसँ घुरैत बेदरा सभकेँ किछु भऽ जाय..। वक्ता सभ शुरू- दलाल ईश्वर चौधरी, भड़ुआ मुरलीधर अग्रवाल, मटिया तेल फेंटि कऽ पेट्रोल बेचिनिहार पत्रकार,चोरिक माल खरीद-बिक्री केनिहार नगरपालिका चेयरमैन बुचनू बाबू, मुनीमक कृपासँ चारिटा संतानक बाप पचीस वर्षीय सेठानीक साठि वर्षीय पति कालाबजरिया सेठ कनकधारीमल- ध्वनि विस्तारक यंत्रपर ओकर हँफसबाक स्वर छोट-मोट अन्हड़क भ्रम दैत छल। बार एशोसिएशनक अध्यक्ष ज्ञाननाथ सिंह जे खूनी आ डकैत सभ पैरवी करै छथि, बाढ़ि प्रभावित इलाकाकेँ डिजनीलैण्डमे परिवर्तित करबाक मुफ्त योजना प्रस्तुत करएबला गंजेड़ी छुटभैया कृष्णानन्द तिवारी..गोरका डाक्टर धरमचन्द सहाय जकरा बुझनुक लोक सभ डी.सी.एस. माने दारू, छौड़ी, सार बहानचो कहै छथि..ओकर धीपल-तबधल शब्द सभ। फेर भीड़क नेतृत्वहीन होएब, प्रतिनिधिमंडल नहि जन-समूह द्वारा डाइरेक्ट वार्ता करबाक गप, आ एहिनामे टैरेसपर ओल्ड फॉक्सक अन्तर्राष्ट्रिय समस्या सभपर बकथोथी। तखने मोटरसाइकिलक एकटा सवार भीड़केँ नियंत्रणमे लेमए चाहैत अछि, ओ बंदा एकटा संप्रदायवादी दलक नव्यतम रंगरूट छल। मधुरेशजी सावधानी बरतै छथि। एकटा धग्गर आ टटका जनमल नारा कमल आ अनकर ध्यान आकृष्ट करैत छन्हि। फेर अबै छथि प्रदीप क्रान्तिकारी जे समाजसेवाक वशीभूत अभियन्त्रणक पढ़ाइ छोड़ने छथि वा निशाबाजी आ बलात्कारक कारण निष्कासित कएल गेल छथि।अनुमंडलाधिकारीक जीपपर आक्रमण होइत अछि। प्रदीप क्रांतिकारी कहैत अछि- कोयला लयसेंसमे सात हजार टका चाही हरामजदाकेँ। देखलहक तूफान। मधुरेशजी किछु आर गोटेकेँ संगमे लऽ लेने छलाह जेना गजेन्द्रजी- स्थानीय कॉलेजक व्याख्याता आ व्यापारी संगठनक माधवजी आ कृष्णमोहनजी। बिना अप्रिय घटनाक भीड़ गाँधी चौक आ जयप्रकाश चौक पहुँचल। तखने मिठाइ दोकानपर बैसएबला गोल्डिया जे क्रिकेट सेहो खेलाइ छल आ तहूमे बॉलक सुविधाक ध्यान रखै छल..बैटपर आबि गेलै तँ छक्का आ नहि तँ क्लीन बोल्ड... से सरकारी गाड़ीकेँ देखि मार..आगि लगा दे.. बाजि उठल। किछु लोक गाड़ी दिस दरबर मारलक, मुदा गाड़ीक चालक गाड़ी भगौलक। न्याय चौक वा नबाब चौक पर विश्व हिन्दू सेनाक सेनानी सभ बजरंगबलीक स्थापना कऽ देने छल कारण तराजू आ आँखिपर पट्टी बला मूर्ति नहि लागि सकल रहए। बजरंग चौकक बोर्ड लागि गेल रहए। प्रशासनमे ओहि समए दलित अधिकारी सभक बाहुल्य छलै आ ओ सभ चौकक नाम अम्बेदकर चौक करए चाहै छलाह से ओ सभ बजरंगबलीकेँ गिरफ्तार कऽ थाना लऽ गेलाह जतए सुनै छियै आइयो हुनकर पूजा कएल जाइत छन्हि। से ई चौक नगरपालिकाक पार्श्वमे रहलासँ आब नगरपालिका चौक कहाइत अछि। अनुमंडलाधिकारी फोर्स लऽ कऽ एतए आबि गेल आ सभ मिलि लाठी भांज लागल। पुलिसबला सभ दूर धरि दरबर मारि रहल छल। मुदा फेर लोक सभ गर धऽ कऽ रोड़ा फेकब प्रारम्भ कएलक। पुलिस असबार भए भागल..एकटा हिटलर कट मोँछबला इंस्पेक्टर आएल.. बरगाँही सभ ओकर गाड़ी लऽ भागल रहै ! अनुमंडलाधिकारी आ दोसर सभ हाँइ-हाँइ जीपमे बैसिकऽ पतनुकान लऽ लेने छल।कमल नजरि खिरओने छल। गोल्डी ओकरासँ बहस केलकै तँ अमजद अली कमलक बाँहि गसिअयने ...क्रुद्ध चीता आ कूढ़मगज महिषक बीच दर्जन भरि लोक..। राजैतिक आ सामाजिक गुटबन्दीसँ बाहरक लोक ठकुरसोहाती नहि जनै छलाह। ने छल..कथी लेल एकर सभक मुँह लागै छी। दू गोट गिरफ्तार संगीक रिहा करबाक माँग..मुदा अधिकारी सभ अपन रक्षार्थ ताहि लेल तैयार नहि छलाह। लोफरकट डी.एस.पी.क मबालीकट अशिष्ट बोली..। मधुरेशजी बजलाह- अहाँ सभकेँ निखत्तर जयबाक सिहन्ता होअय आकि निछक्क जयपंथी-ए घेरने होअय तँ..। बन्हककेँ छोड़बापर सहमति भेल। मनुक्खक कोन कथा कोनो कागपंछी नहि देखाइत छलै..महाभारत समाप्त भेलापर की कुरुक्षेत्रो एहिना निसबध भेल होयतैक। बेदरा सभक एकटा गोल क्रिकेट खेलेबाक लेल मैदानमे प्रवेश कऽ रहल छल।अथ गिरगिट कथा- मुक्कन बाबू माने मुकुन्द जायसवाल- जनवितरण प्रणालीक दोकानक एकटा डीलर। एहि नामक एकटा दरोगा सेहो आयल छल आ खूब हँसोथि कऽ गेल छल। रामलखन पोद्दार, बी.एस.सी. ऑनर्स, वल्द किशन पोद्दार, चाह-पान बेचयबला, टॉपर मुदा नोकरी लेल जुत्ता खियाय गेलै। नगर-हबाक नापबाक यंत्र- कायराना भद्रताक पचहत्तरि प्रतिशत, स्वार्थाना यारीक बीस प्रतिशत आर मिसलेनियस वाइरस पाँच प्रतिशत अनुपातमे उपस्थित रहत। एकटा गोदाम सन मकानमे अछि पुलिस फाँड़ी आ तकरे सटल दारूक भट्ठी! एक दिन अनायासे दुनूक अहं सोझाँ-सोझी होइत छन्हि जखन मुकुन्द पुलिस फांड़ीसँ फराकैत भऽ निकलै छथि आ रामलखन भट्ठीसँ। झगड़ाक बाद पुलिसबला सभक सहानुभूति मुकुन्दक प्रति रहए आ भट्ठासँ बहराए बला सभक पोद्दारक पक्षमे। रामलखन पोद्दार गिरफ्तार भऽ गेल आ भोरमे ओकर बाप पुलिसबलाकेँ फूल-पत्ती चढ़ा कऽ ओकरा छोड़ओलक। फेर मुक्कन बाबू एक सोड़ह लोक लऽ नशा विरोधी नागरिक मंच बनेलन्हि आ भट्ठीपर धरना देलन्हि। ई सोलह गोटे छलाह सात गोट पितिऔत-ममिऔत-पिसिऔत-मसिऔत, दू टा हरबाहा, धनकुट्टा मशीनक आपरेटर, तीन कुख्यात मित्र आ कुलपुरोहितक दू टा लफंगा पुत्र। मुदा एम्हर पोद्दारजी अधिकार सुरक्षा हेतु ३६ गोटेक संगे आबि गेलाह। नशा विरोधी नागरिक मंचक सेनापति लंक लऽ पड़एलाह तँ शेषकेँ धरपटांग उठा देलकन्हि। फेर मारि-पीटक क्रम शुरू भेल। रंगबाजी स्पेशलिस्ट सुब्रत मुखर्जी एकरा गैंगवार कहैत छथि। मुदा तखने नगरपालिकाक चुनावक घोषणा भेल। स्वार्थाना यारीक वाइरस शीवाज रीगलक सोझाँ रंग धेलक। मुक्कन बाबू चेयरमैन छथि, पोद्दारजी वाइस-चेयरमैन। नगरमे शान्ति अछि।अय्यासी- दोसराक संग बैसलमे मौज मुदा पत्नीक बोल- तरकारी लेल दसटकही..किराना समान काल्हियो-परसू जे आबि जाय। दोसक ओतय बिदा भेल, बेटाक गप नहि सुनऽ चाहलक। पटेल चौक.... महात्मा गाँधी चौक पहुँचल।संगमे बिसटकही।रिक्शाबला अपन टोपर तानि कऽ सुस्ताइत रहए। रिक्शापर बैसल, रस्तामे दोस लेल दू टाकाक सिकरेट लेलक, अपन फेवरिट पत्रिका मोर बारह टाकामे आ चारि टाका रिक्शाबलाकेँ देलक। दोसक घरमे पंखाक हबासँ किछु आफियत अनुभव भेलै। बचल दू टाका ओकरा मुँह दुसलकै, घरक तरकारी आ बेटाक किताब-कापी.. घर घुरल देह घामसँ कुंडाबोर। पत्नीक फुलल-लाल आँखि देखि लगलै जे अय्यासी कऽ घुरल होअए।बैकबा-फोड़बा- मूल समाचार- मतायल हबाक पेट्रोलकेँ स्वार्थक सलाइ देखौने छल। घटना- प्रकाश अगरवालक फर्म “वृद्धिचन्द भँवरलाल वस्त्र भंडार”- उधारीक रकम लाख ठेकि गेलै तँ स्वरगीय रघुनाथ झाक पुत्र अठमा फेल मातृविहीन अबंड सिकन्दर झाकेँ वसूली लेल राखलक। एहि क्रममे ओ पहुँचल एक दिन रामचन्द मड़र लग, ओकर बेटा कालेश्वर मड़र जे आब नाममे यादव लिखै छल चारि बरख पहिने तीन हजारक थ्री-पीस सूट बनबेने छल। मुदा बाप ओकर ऋणक मादेँ मना कऽ देलकै। रस्तेमे पान खएबाक क्रममे मुन्ना ठाकुरक दोकानपर कालेश्वर यादवसँ ओकरा भेँट भेलै, कालेश्वर संगे परिवारक लोक आ कुटुम्ब सेहो छलै। पहिने सिकन्दर जे फिरंटगिरी करै छल सैह आइ काल्हि कालेश्वर करै छल से तगेदापर मारि बजड़ि गेल। सिकन्दर ओकरा छातीपर चढ़ि गेल। सिकन्दरक पुरनका संगी सभ जुटि गेल आ कालेश्वरक कुटुम्ब सभकेँ धोपलक। फेर दोसर दिन पिछड़ा एकताक जुलुस निकलल आ वस्त्र भंडारक शीसा फोड़लक। मुदा लठैत सभ आबि लाठी बरसाबऽ लागल। जकर जेने सिंग अंटलै, ओम्हरे पड़ायल। लूट, अराजकता..पसरि गेल। झलकी- दृश्य एक:जिलाध्यक्ष पुऋषोत्तम मंडलक स्वर, अठारह कोठली आ दू टा बड़का-बड़का हॉल बला राजनीतिक दलक कार्यालयमे। सद्भावना जुलुस निकलत..शिष्य चिरंजीव सिंह, पार्टीक युवा मंचक अध्यक्ष आ मंडलजीक घोर समर्थक। मुदा ओ तामसे घोर भऽ जाइत अछि- अहाँ सेहो छोट जातिक छी से ओकरा सभक पक्ष लेबे करबै। बहरा जाइत अछि। दृश्य दू: फूसक घर। धनीलाल, रामनारायण। बैकबा-फोड़बा की होइ छै। मटरू की जानय। किछु काल चुप रहलाक बाद आल्हा टेर देने अछि। दृश्य तीन:कामरेड रामसेवक साहुक चाह-नाश्ताक दोकान। बहस..विद्यानिवासजीक भाषण, जाति नामक कोनो वस्तु नहि। हुनका पागल कहि क्यो छौड़ा बहरा जाइत अछि। दृश्य चारि: टिफिनमे बच्चा सभक खेल: घास-फूस बला घर हमर आ हम बनब जादब। दोकान बिरजूक आ ओ बनत बाभन। दुनूमे झगड़ा होएत आ लल्लू, मोहन, नरेन आ बबलू आओत आ हमर घरमे आगि लगा देत। तखन सुरेश बनत नेता आ विनोद बनत दरोगा। सुरेश दरोगाकेँ कहत जे एकरा दुनूक घर-दोकान बनबा दियौक आ पकड़ि कऽ लाऊ। सुरेश दुनुक हाथ मिलबाकऽ दोस्ती कराओत। बैकबा-फोड़बा खेल भरि टिफिन चलैत रहल। विष-पान- वकालतखानाक कुर्सीपर बैसल गोपालजी कछमछाइत छथि। कचहरीक द्वारपर सुग्गाबला जोतखी बैसल छथि। ओतहि एकटा बैनर सेहो अछि आँखिक रोशनी बढ़बए बला ममीरा सुरमा। अदालतिक बरंडापरसँ अर्दली रामेसर मंडल बल्द जागेसर मंडल केँ चिकरैत अछि, मोकील वकीलकेँ अगिला तारीखपर बाँकी-बकियौता देबाक गप कहै छन्हि मुदा ओ कलमक उनटा छोरसँ कान खोदैत रहैत छथि। गोपाल सुनै छथि। गोपाल, एक दिन पानबला दोकानपर चतुरानन लाठी लेने आयल आ बरसाबय लागल। ओ खसि पड़लाह। बाबूजीक पुरान नोकर नेनिया आबि चतुराननकेँ बजाड़ि दैत अछि मुदा ओ मौका देखि भागि जाइत अछि। रामप्रसादक साठि वर्षीय माय मरौनावाली सभसँ पहिने गोपालक सुधि लेलक। फेर गोपाल अस्पताल आनल गेल। चतुरानन सेहो ओतय आयल रहय इलाज आ इन्जरी रिपोर्ट लेल, मुदा क्यो चीन्हि गेलै आ जरनाक चेरासँ ओकरा मारि कऽ भगा देलकै। चतुराननकेँ सभ आदि अपराधी कहै छल मुदा गोपाल ओकरा सुधारैक लेल प्रयासरत छलाह। से आब ओ भस्मासुर बनि गेल। पुलिस चतुराननसँ पाइ असूललक आ ओ घरहिमे रहै छल। प्रगतिक तारीख केसमे पड़ैत रहलन्हि आ हुनकर एक्स-रे प्लेट सेहो अस्पतालसँ निपत्ता भऽ गेल। तीन बर्खक बाद गबाही शुरू भेल आ फेर शुरू भेल जिरह, ओहि दिन भरि बाँहुक कमीज पहिरने छलाह, कालर आ जेबी रहै वा नहि, रंग..। जे लाठी बजरलन्हि तकर लम्बाइ, बनावटि..। वकील मित्र..मुदा एक दिन स्वरक तुर्शी नुकायल नहि रहलै.देखै छियै मोकील सभकेँ आखिर पाइ देने अछि तँ ओकर सभक काजकेँ प्राथमिकता तँ देबहि पड़त। आ ओहि दिन गवाही नहि गुजरि सकल..फाइलपर हाकिम विपरीत टिप्पणी कऽ देलन्हि। चतुरानन तीन हजारमे गप फिट कएलक जे ओहिसँ बेशी अहाँ दऽ सकी तँ..। एंटी-पार्टीक वकीलक मार्फत वकील-मित्र लग ऑफर सेहो आयल छलन्हि। मुदा गोपालक कहलापर कोर्ट ट्रांसफर करेबाक प्रक्रिया शुरू भेल। मुदा कोर्ट ट्रांसफर भेल शीलभद्र झाक कुटमैतीमे जे गोपालजीक राजनैतिक प्रतिद्वन्दी छलाह आ चतुरानन आइ-काल्हि हुनके छत्र-छायामे छल।मेल पेटीशनपर गोपाल दसखत कऽ दै छथि, आत्मसमर्पण जेना भारत-पाक युद्धमे एक लाख सेनाक संग जनरल नियाजी कएने छल।

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